सर्वे प्रपत्तेरधिकारिणो मताः ।।सर्वे प्रपत्तेरधिकारिणो मताः ।।सर्वे प्रपत्तेरधिकारिणो मताः ।।सर्वे प्रपत्तेरधिकारिणो मताः ।।

श्रीमठ विस्तार

जाति पाँति पूछै ना कोई । हरि को भजै सो हरि का होई ।।जाति पाँति पूछै ना कोई । हरि को भजै सो हरि का होई ।।जाति पाँति पूछै ना कोई । हरि को भजै सो हरि का होई ।।जाति पाँति पूछै ना कोई । हरि को भजै सो हरि का होई ।।